रुद्राक्ष
रुद्राक्ष जैसे कि शब्द से ज्ञात होता है रूद्र अर्थात भगवान शिव और अक्ष अर्थात आंसू , माना जाता है रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के अश्रुओं से हुई है। एक चमत्कारिक फल है जिसका प्रयोग रत्नों के रूप में होता है। प्रकृति में 1 मुखी मुखी से लेकर 21 मुखी तक के रुद्राक्ष पाए जाते हैं।यह मुख्यतः मालाओं के रूप में मंत्र उच्चारण करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। 108 अंकों की माला सबसे उत्तम मानी जाती है।पंचमुखी रुद्राक्ष सामान्यतः सभी जगह उपलब्ध होता है और इसकी कीमत बहुत कम होती है। मालाओं में मुख्यतः पंचमुखी रुद्राक्ष प्रयोग में लाया जाता है
रुद्राक्ष की माला धारण करने से मानसिक शांति तथा अच्छा स्वास्थ्य और सकारात्मक प्रभाव मिलता है।
रुद्राक्ष धारण करने के लाभ :-
- एक मुखी रुद्राक्ष
एक मुखी रुद्राक्ष शिव स्वरूप का परातत्व का प्रकाश माना जाता है।इसे धारण करने वाला प्राणी चिंता मुक्त होकर निर्भय रहता है।इसका विधि विधान पूजन से घर में लक्ष्मी का वास होता है।
एक मुखी रुद्राक्ष प्रातः नहा धोकर विधिवत पूजन करने के पश्चात सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।
- द्विमुखी रुद्राक्ष
माना जाता है कि द्विमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अर्धनारीश्वर प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामना पूर्ण होती है और घर में सुख शांति और धन बना रहता।
द्विमुखी रुद्राक्ष प्रातः नहा धोकर विधिवत पूजन करने के पश्चात सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।
तीन मुखी रुद्राक्ष
तीन मुखी तीन मुखी रुद्राक्ष साक्षात् अग्नि स्वरूप है।इसे धारण करने से अग्नि की तृप्ति होती है। विद्या प्राप्ति शत्रु का नाश होता है, पेट की समस्त विकार व्याधि शांत होती है तथा अशुभ घटनाओं से रक्षा होती है।
चतुर्मुखी रुद्राक्ष
चतुर्मुखी रुद्राक्ष ब्रह्म का स्वरूप वाला होता है। इसको धारण करने से धन एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है।प्राणी सबका प्रिया और दूसरों को आकर्षित करने वाला होता है। उसकी आंखों में तेज होता है और वाणी में मिठास गुण मिलता है।
पंचमुखी रुद्राक्ष
पंचमुखी रुद्राक्ष यह सबसे अधिक शुभ और पुण्यदाता माना गया है।इसको धारण करने से यश वैभव शांति संपन्नता और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
काले धागे में सोमवार के दिन विधि विधान से पूजा स्नान करने के पश्चात धारण करना चाहिए।
छह मुखी रुद्राक्ष
छह मुखी रुद्राक्ष धारण पर माता पार्वती की विशेष कृपा रहती है।मुखी रुद्राक्ष के देवता कार्तिकेय है। इसको धारण करने वाला प्राणी शुभ लक्षणों से युक्त सद्गुणी भाग्यवान होता है।
सप्तमुखी रुद्राक्ष
सप्त मुखी रुद्राक्ष का नाम अनंत है। सूर्य तथा सप्त ऋषि इसके देवता हैं। रुद्राक्ष धारण करने से विष का भय नहीं सताता। इसे पहनने से महालक्ष्मी की विशेष कृपा होती है और सभी दुख नष्ट होकर सुख शांति की प्राप्ति मिलती है।
रुद्राक्ष प्रातः नहा धोकर विधिवत पूजन करने के पश्चात सोमवार के दिन धारण करना चाहिए।